कृषि विभाग ने पंरपरागत कृषि विकास योजना के तहत किसानों को जैविक खेती के प्रति प्रेरित करने का फैसला किया है। विभाग किसानों को आर्थिक मदद देने के साथ ही जैविक खेती से जुड़ी हरजानकारियां उपलब्ध कराएगा। गोंडा समेत सूबे के नौ जिलों में 2250 एकड़ जैविक खेती को शासन की मंजूरी मिल गई है। 45 कलस्टर में होने वाली जैविक खेती पर 3.21 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। एक किसान औसतन एक एकड़ में जैविक खेती करेगा। कार्ययोजना के अनुसार तीन वर्ष बाद रसायनमुक्त अनाज तैयार होगा। पहले वर्ष किसान बिना रसायन उर्वरक व पेस्टीसाइड डाले ही बोवाई करेगा। इसके बाद तैयार फसल के बीज की बोवाई दूसरे वर्ष किया जाएगा। तीसरे वर्ष तैयार होने वाली फसल शुद्ध होगी। एक कलस्टर पर औसतन 7.13 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। कृषि विभाग जैविक उत्पाद पैक कराने के साथ ही मार्केटिंग की भी व्यवस्था कराएगा। 2250 एकड़ जैविक खेती के लिए 3.21 करोड़ रुपये आवंटन को मंजूरिल गई है।
खेतों में रसायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग से जहां मिट्टी की उर्वराशक्ति कम हो जाती है, वहीं रसायन युक्त अनाज सेहत के लिए नुकसानदायक होते हैं। ऐसे में कृषि विभाग ने पंरपरागत कृषि विकास योजना के तहत किसानों को जैविक खेती के प्रति प्रेरित करने का फैसला किया है।