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बिहार में दरभंगा के बेनीपुर अनुमंडलीय इलाके में भीषण गर्मी से पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। बताया जाता है कि शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में अधिकांश सरकारी चापाकल महीनों से खराब पड़े हैं। जिससे लोगों में पानी के लिए त्राहि त्राहि मची हुई है। क्षेत्र में ऊंची जगहों पर पानी का जलस्तर नीचे चले जाने से कई गांवों में चापाकलों ने पानी देना बंद कर दिया है। अनुमंडलीय क्षेत्र के 4 जलमीनारों में से 2 जलमीनार वर्षों से बंद पड़ी है। 52 राजकीय नलकूपों में से 35 राजकीय नलकूप वर्षों से बंद पड़े रहने के कारण किसान अपने अपने खेतों का पटवन नहीं कर पा रहे हैं।
इस इलाके में वर्ष 2014-15 में लगाये गये अधिकांश चापाकल खराब पड़े हैं। लोगों का कहना है कि पीएचईडी विभाग के अभियंता एवं ठेकेदार की कथित मिलीभगत से चापाकलों में घटिया कंपनी की पाइप लगाई गई थी। लोगों का कहना है कि विभाग को नियमानुसार चापकलों को गाड़ने के बाद पांच वर्ष तक इसकी देखरेख ठेकेदार को करनी है। लेकिन ठेकेदार द्वारा चापाकलों को मरम्मत नहीं करवाए जाने के कारण अधिकांश चापाकलों को खराब पड़े रहने के कारण पानी के लिए हाहाकार मचा है। उपलब्ध दो जलमीनारो में से एक दस और दूसरी छह वर्षों से खराब पड़ी है। आधा दर्जन गांवों के कई चापाकलों के पानी का जलस्तर नीचे चले जाने के कारण लोगों में पानी के लिए हाहाकर मचा हुआ है।इस कारण से अधिकारियों के आवासों में पानी की आपूर्ति बंद है। सरकारी स्तर पर पटवन नहीं हो पाता है। किसानों का कहना है कि खराब पड़े नलकूपों के संबंध में नलकूप विभाग के अभियंताओं द्वारा प्रतिवर्ष गलत रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी जाती है। जिसके कारण किसानों में भारी आक्रोश है।

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