उत्तर प्रदेश में आगरा सेंट्रल जेल में सबसे बुरे हालात में कैदी रह रहे है। इस जेल में क्षमता से 75 फीसद अधिक कैदी हैं। जबकि राज्य के दूसरे जेलों में क्षमता से 50 फीसदी कैदी ज्यादा हैं। आरटीआई के जवाब में मिली इस जानकारी के बाद जेल के हालात पर सवाल उठ रहे हैं।
जेल प्रशासन राज्य के पांच जेलों में विचारधीन और दोषी कैदियों का अप्रैल तक का डाटा जारी किया है। इनमें सबसे खराब स्थिति में आगरा सेंट्रल जेल है। जिसमें क्षमता से 75 फीसदी अधिक कैदी बंद है। इलाहाबाद की नैनी, वाराणसी, फतेहगढ़ और बरेली जेल में क्षमता से पचास फीसद अधिक कैदी हैं। आगरा सेंट्रल जेल की क्षमता 1050 कैदी की है। इसमें 1810 पुरुष और पांच अन्य हैं। आगरा में 19 विचाराधीन पुरुष कैदी। इस तरह कुल 1834 कैदी हैं। ये कारागार की क्षमता से 75 फीसद अधिक हैं।
नैनी जेल की क्षमता से सबसे अधिक 2060 कैदियों की है। इसके बाद बरेली जेल में 2053 कैदियों की व्यवस्था है। सभी सेंट्रल जेलों की क्षमता 7438 पुरुष, 60 महिला और 120व्यस्क कैदियों की है। इनमें कुल 11470 कैदी थे। इसमें 11211 पुरुष, 96 महिलाएं, 126 अल्प व्यस्क, 27 विदेशी और 13 अन्य हैं। ये कैदी इन कारागारों की क्षमता से पचास फीसद अधिक हैं।