search
  • शिक्षकों, गाववावों ने बदली सरकारी स्कूल की सूरत, प्राइवेट छोड़ सरकारी स्कूल में एडमिशन को मची मारामरी
  • July 17, 2017
  • अभी एक साल पहले तक इस गांव के स्‍कूल में न तो शिक्षक थे और न ही उचित इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर ही था। मई 2016 में ग्रामीणों ने जिला कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया जिसके बाद पांच शिक्षकों को नियुक्‍त किया गया। केवल चार क्‍लासरूम के साथ आठ कक्षाओं को इन शिक्षकों ने पढ़ाना शुरू किया। इसके बाद ग्रामीणों की मदद से लाख रुपये जुटाए गए और स्‍कूल के इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को सही किया गया। अब यहां सात कक्षाएंकंप्‍यूटर लैबटॉयलेटड्रिंकिंग वाटर आदि की सुविधाएं मौजूद हैं। आज स्‍कूल में 415 से अधिक छात्र है और एडमिशन फुल है। नवली में तकरीबन 2,000 परिवार है जिनमें से अधिकतर सोयाबीन व तूर दाल की खेती करते हैं। गांव में एकमात्र स्‍कूल नवली जिला परिषद स्‍कूल है। पिछले साल तक गांव के अधिकतर बच्‍चे रिसोद टाउन में स्‍कूल जाते थे क्‍योंकि नवली स्‍कूल अच्‍छा नहीं था। राज्य सरकार के 2016 के डेटा के अनुसार जिला परिषद स्‍कूलों व स्‍थानीय निकायों के स्‍कूलों में नामांकन पाने वाले छात्रों की संख्या में 2009-10 में 16.4 लाख की कमी हुई है। हर साल लाख से अधिक छात्रों ने जिला परिषद व सरकारी स्कूलों को छोड़ प्राइवेट और इंग्लिश मीडियम स्कूलों में दाखिला लिया। इन स्कूलों में से एक नवली स्कूल भी शामिल था। 

  • Post a comment
  •       
Copyright © 2014 News Portal . All rights reserved
Designed & Hosted by: no amg Chaupal India
Sign Up For Our Newsletter
NEWS & SPECIAL INSIDE!
ads