केन्द्र सरकार के तेज आर्थिक तरक्की के दावों को बड़ा झटका लगा है मौजूदा वित्तीय साल में दुनिया की अर्थव्यवस्था पर संयुक्त राष्ट्र की जारी रिपोर्ट में भारत की जीडीपी विकास दर का अनुमान घटाकर 7.3 फीसदी कर दिया है। हलाकि जनवरी में यूएन के अर्थशार्त्रियों ने कहा था कि इस साल भारत की विकास दर 7.7 फीसदी रहेगी।
अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का मानना है कि इस साल भारत की अनुमानित जीडीपी विकास दर 7.2 फीसदी रहेगी. एशिया विकास बैंक के मुताबिक ये आंकड़ा 7.4 फीसदी रहने की उम्मीद है. हालांकि यूएन के आंकड़ों में भारत के लिए अच्छी खबर भी है. संयुक्त राष्ट्र को उम्मीद है कि 2018 के वित्तीय वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर बढ़कर 7.9 फीसदी हो जाएगी.
संयुक्त राष्ट्र ने आगाह किया है कि देश के बैंकिंग क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के चलते निकट भविष्य में निवेश में शायद ज्यादा मजबूती नहीं आयेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के बैंकिंग क्षेत्र की बैलेंस शीट दबाव में है. इसका खराब असर देश में निवेश पर पड़ेगा. इसके अलावा नोटबंदी के चलते भी इस साल की विकास दर पर असर पड़ा है.
यूएन की रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी से पैदा हुई अस्थायी मुश्किलों के बावजूद मजबूत मुद्रा नीति और घरेलू सुधार भारत के आर्थिक हालात को मजबूत बनाते हैं. लेकिन आर्थिक विकास को पटरी पर बनाए रखने के लिए सरकार को बैंकिंग और कॉर्पोरेट क्षेत्र की बैलेंस शीट सुधारनी होगी. संयुक्त राष्ट्र ने आगाह किया है कि देश के बैंकिंग क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के चलते निकट भविष्य में निवेश में मजबूती आना मुश्किल है।